जब बीसीसीआई ने शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का नया कप्तान घोषित किया, तब क्रिकेट फैंस के बीच यह सवाल ज़रूर उठा कि क्या कोई और खिलाड़ी इस ज़िम्मेदारी के लिए ज़्यादा बेहतर विकल्प हो सकता था? गिल युवा हैं, टैलेंटेड हैं और उनका भविष्य उज्ज्वल है, लेकिन भारत के पास कुछ ऐसे अनुभवी खिलाड़ी भी मौजूद थे जो कप्तानी की कमान संभाल सकते थे। आइए बात करते हैं तीन सबसे मजबूत दावेदारों की, जो गिल की जगह भारत के टेस्ट कप्तान बन सकते थे।

1. जसप्रीत बुमराह – तेज गेंदबाजी की कप्तानी में ताकत
क्यों बन सकते थे कप्तान?
बुमराह भारत के सबसे भरोसेमंद गेंदबाजों में से एक हैं। वो न सिर्फ विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं, बल्कि मैदान पर शांत दिमाग और रणनीतिक सोच रखने वाले खिलाड़ी भी हैं।
महत्वपूर्ण आंकड़े:
- टेस्ट मैच: 36
- विकेट: 159
- गेंदबाजी औसत: 22.5
- कप्तानी अनुभव: भारत की कप्तानी में 3 टेस्ट खेले (1 जीत, 2 हार)
कप्तानी की झलक:
बुमराह ने 2024 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी, जहां उन्होंने कप्तान के रूप में शानदार गेंदबाजी के साथ-साथ टीम को रणनीतिक रूप से लीड किया। उनकी कप्तानी में गेंदबाजों का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ दिखता है।
क्यों नहीं बने कप्तान?
बुमराह की सबसे बड़ी कमजोरी है उनकी फिटनेस। बार-बार चोटिल होने की वजह से वह हर सीरीज में उपलब्ध नहीं रहते, और यही वजह रही कि बीसीसीआई ने उन्हें फुल-टाइम कप्तान नहीं बनाया।
2. ऋषभ पंत – जुझारू बल्लेबाज और एनर्जेटिक लीडर
क्यों बन सकते थे कप्तान?
ऋषभ पंत की आक्रामक बल्लेबाजी और मैच जिताऊ प्रदर्शन उन्हें एक फाइटर कप्तान बना सकता था। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने कई बार विदेशी पिचों पर भारत को मुश्किलों से बाहर निकाला है।
महत्वपूर्ण आंकड़े:
- टेस्ट मैच: 41
- रन: लगभग 2,800
- औसत: करीब 44
- शतक: इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में शतक शामिल
- IPL कप्तानी: दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान
कप्तानी की झलक:
पंत ने आईपीएल में दिल्ली की कप्तानी की है, लेकिन उनका कप्तानी रिकॉर्ड औसत रहा है। हालांकि टीम के भीतर उनकी ऊर्जा और जज़्बा उन्हें एक लीडर के रूप में उभारता है।
क्यों नहीं बने कप्तान?
हालांकि पंत को उप-कप्तान बनाया गया है, लेकिन उनकी IPL कप्तानी के आंकड़े बहुत प्रेरक नहीं रहे। साथ ही टेस्ट कप्तानी का कोई अनुभव न होना भी एक बड़ा कारण रहा।
3. केएल राहुल – अनुभवी और शांत नेतृत्व वाला चेहरा
क्यों बन सकते थे कप्तान?
राहुल को सभी फॉर्मेट में कप्तानी का अनुभव है। वो कूल माइंड के साथ मैदान पर रहते हैं और दबाव में निर्णय लेने की क्षमता रखते हैं।
महत्वपूर्ण आंकड़े:
- टेस्ट मैच: 54
- रन: 3,500+
- टेस्ट कप्तानी: 3 मैच
- IPL कप्तानी: लखनऊ सुपरजायंट्स को दो बार प्लेऑफ तक पहुंचाया
कप्तानी की झलक:
राहुल ने भारत के लिए कुछ टेस्ट में कप्तानी की है, और आईपीएल में उनकी रणनीतियां खास रही हैं। वे टीम को स्थिरता दे सकते हैं।
क्यों नहीं बने कप्तान?
उनकी उम्र अब 33 के पार है और वे अक्सर चोटिल रहते हैं। बीसीसीआई अब एक लंबे समय तक कप्तानी निभाने वाले युवा चेहरे की तलाश में थी—इसलिए राहुल को पीछे रखा गया।
निष्कर्ष:
इन तीनों खिलाड़ियों में कप्तानी की काबिलियत थी और अनुभव भी। लेकिन जसप्रीत बुमराह की फिटनेस, पंत के सीमित कप्तानी अनुभव, और राहुल की उम्र ने शुभमन गिल का रास्ता साफ कर दिया। गिल युवा हैं, लगातार टीम का हिस्सा रहे हैं, और IPL में गुजरात टाइटन्स को शानदार लीड किया है। शायद यही वजह है कि बोर्ड ने भविष्य की सोचते हुए उन्हीं पर भरोसा जताया।
क्या आप इन तीन खिलाड़ियों में से किसी एक को देखना चाहते थे कप्तान के रूप में? या गिल ही थे सबसे सही विकल्प? अपनी राय ज़रूर बताएं।